हिंदी शायरी
धन्यवाद दोस्तों
नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है
आरजू पूरी हो जाये
जीने के लिए बस एक कमी की तलाश कर
रहने दे आसमा जमी की तलाश कर.
सब कुछ यही , ना और किसी की तलाश कर.
सब कुछ यही , ना और किसी की तलाश कर.
हर आरजू नसीब में नहीं
मगर ख़्वाब को सच किया जाता है
पथ्थरो का कोई रूप नहीं
फिर भी रूप दिया जाता है
गलती इंसान में नहीं
बस तलाश तो सही रास्ता किये जाते है
इतने दोस्तों में तलाश है मुझे एक दोस्त की
इतने अपनों में आरजू है एक दोस्त की
लोग मुझे छोड़ जाते है समुन्दर में अकेला ही सही
डूब रहा हु मुझे अब एक आरजू की तलाश है
किसी के आंसू को पूछता रहा हु आरजू के किनारे
समुन्दर न मिला गहराई के किनारे
मेरी तो आरजू थी उस खुदा को देखने की उस किनारे
अब तो रात भी रहेगी खामोश उस किनारे
हमें दोस्त
लोग आप को गुलाब कहते है
हम आप को सब्र का मीठा फल कहते है
हमारे लिए आप सबाब है
आप जैसे चेहरे को हम
खुदा की किताब कहते है
नजरो को तेरे आने की आस रहती है
हमारे दिल की दिवार के पास रहती है
नहीं कमी आज भी हमारे जीवन मैं
फिर भी आप के बिना उदाश रहते है
हमारे दिल की दिवार के पास रहती है
नहीं कमी आज भी हमारे जीवन मैं
फिर भी आप के बिना उदाश रहते है
थैंक्स दोस्तों
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